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जितना दिया सरकार ने मुझको उतनी मेरी औकात नहीं भजन लिरिक्स

भगवान को करने पार भगत की नाव चली – भजन लिरिक्स

Bhajan Lyrics: Bhagwan Ko Karne Par Bhagat Ki Naav Chali lyrics in hindi.

Bhagwan Ko Karne Par Bhagat Ki Naav Chali

देखो रे पहली बार,
मेरी जिंदगानी फली,
भगवान को करने पार,
भगत की नाव चली,

जय राम लखन जय जनक लली,
जय राम लखन जय जनक लली॥

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देखो रे मेरे राम की माया,
इस विमान को विरत बनाया,
एक जनम में सौ जन्मों का,
मैंने तो भाई फल पाया,
देखो प्रभु का ये उपकार,
मेरी दुनिया ही बदली,
भगवान को करनें पार,
भगत की नाव चली,

जय राम लखन जय जनक लली,
जय राम लखन जय जनक लली॥


कहां मेरी छोटी सी यह नैया,
कहां यह भव सागर के खिवैया,
मैं दो हाथों वाला केवट,
इनके हाथ हज़ार है भैया,
लाखो के तर हर प्रभु,
यह बड़े है बलि,
भगवान को करनें पार,
भगत की नाव चली,

जय राम लखन जय जनक लली,
जय राम लखन जय जनक लली॥


छोडे महल अयोध्या छोड़ी,
हम पतितो से प्रीत है जोड़ी,
धन्य है इनका प्यार अनोखा,
धन्य है यह सिया राम की जोड़ी,
यह वन को चले सुकुमार,
करम गति नाहीं टली,
भगवान को करनें पार,
भगत की नाव चली,

जय राम लखन जय जनक लली,
जय राम लखन जय जनक लली॥


देखो रे पहली बार,
मेरी जिंदगानी फली,
भगवान को करने पार,
भगत की नाव चली,

जय राम लखन जय जनक लली,
जय राम लखन जय जनक लली॥

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