शिव पंचाक्षर स्तोत्रम् का अर्थ, महत्व और लाभ जानिए। इस लेख में पढ़िए (Shiv Panchakshar Stotra lyrics in Hindi) और जानिए भगवान शिव की स्तुति से कैसे जीवन में शांति और शक्ति आती है।

शिव पंचाक्षर स्तोत्र – नमन है उस ‘नमः शिवाय’ को
जब भी कोई संकट आता है, जब मन डगमगाने लगता है, तो एक नाम हमें अंदर से स्थिर करता है — शिव।
और शिव का असली स्वरूप उनके पंचाक्षर मंत्र में छिपा है – “न-मः-शि-वा-य”।
इन्हीं अक्षरों से बना है अद्भुत स्तोत्र – शिव पंचाक्षर स्तोत्रम्।
Shiv Panchakshar Stotra lyrics
नागेन्द्रहाराय त्रिलोचनाय
भस्माङ्गरागाय महेश्वराय ।
नित्याय शुद्धाय दिगम्बराय
तस्मै नकाराय नमः शिवाय
मन्दाकिनीसलिलचन्दनचर्चिताय
नन्दीश्वरप्रमथनाथमहेश्वराय ।
मन्दारपुष्पबहुपुष्पसुपूजिताय
तस्मै मकाराय नमः शिवाय
शिवाय गौरीवदनाब्जबृंदा
सूर्याय दक्षाध्वरनाशकाय ।
श्रीनीलकण्ठाय वृषध्वजाय
तस्मै शिकाराय नमः शिवाय
वशिष्ठकुम्भोद्भवगौतमार्यमूनीन्द्र देवार्चिता शेखराय ।
चन्द्रार्कवैश्वानरलोचनाय
तस्मै वकाराय नमः शिवाय
यज्ञस्वरूपाय जटाधराय
पिनाकहस्ताय सनातनाय ।
दिव्याय देवाय दिगम्बराय
तस्मै यकाराय नमः शिवाय
पञ्चाक्षरमिदं पुण्यं यः पठेच्छिवसंनिधौ ।
शिवलोकमावाप्नोति शिवेन सह मोदते
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क्या है शिव पंचाक्षर स्तोत्र?
यह एक प्रसिद्ध वैदिक स्तुति है, जिसे आदि शंकराचार्य जी ने रचा। इसमें भगवान शिव के हर रूप, गुण और तत्व का वर्णन पंचाक्षर के माध्यम से किया गया है।
- “न” – शिव की अज्ञान विनाशक शक्ति को दर्शाता है
- “म” – करुणा और स्नेह का प्रतीक
- “शि” – शिव की महादेवता और तपस्या की झलक
- “वा” – वात्सल्य और संरक्षण
- “य” – योग, आत्मा और मुक्ति की ओर मार्गदर्शन
शिव पंचाक्षर स्तोत्र का पाठ क्यों करें?
कई लोग इसे सिर्फ एक मंत्र या भजन मानते हैं, लेकिन ये उससे कहीं ज़्यादा है। ये स्तोत्र मन, शरीर और आत्मा — तीनों पर असर करता है।
- मन को शांति देता है
- नकारात्मक ऊर्जा को दूर करता है
- रोग और भय से सुरक्षा देता है
- ध्यान और साधना में गहराई लाता है
- शिव से आत्मिक जुड़ाव बनाता है
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पाठ का सर्वोत्तम समय
आप इसे रोज़ सुबह या रात को कर सकते हैं, लेकिन विशेष रूप से:
- सोमवार के दिन
- महाशिवरात्रि पर
- श्रावण महीने में
- किसी भी शिवालय में जाकर
स्नान करके शांत मन से जब इस स्तोत्र का उच्चारण करते हैं, तो अनुभव कुछ और ही होता है — जैसे शिव खुद पास में हों।
रोज़ के जीवन में शिव की उपस्थिति
“नमः शिवाय” सिर्फ एक मंत्र नहीं, एक ऊर्जा है। और जब हम shiv panchakshar stotra का पाठ करते हैं, तो वो ऊर्जा हमारे चारों ओर घूमने लगती है।
कई लोग बताते हैं कि जब उन्होंने यह स्तोत्र रोज़ पढ़ना शुरू किया, तब उनके जीवन में स्थिरता, मानसिक स्पष्टता और सकारात्मकता आने लगी।
अंत में – शिव से जुड़ना आसान है
अगर आप भागदौड़ भरी ज़िंदगी में कुछ पल शांति के चाहते हैं, अगर आप अपने भीतर से मज़बूत होना चाहते हैं – तो शुरुआत कीजिए इस सरल स्तोत्र से।
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