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कहाँ छुपे हो राम हमारे रो रो भरत जी राम पुकारे – भजन लिरिक्स

Bhajan Lyrics: Kahan Chhupe ho Ram Hamare Lyrics in Hindi.

Kahan Chhupe ho Ram Hamare Lyrics

कहाँ छुपे हो राम हमारे,
रो रो भरत जी राम पुकारे,
होंठ है सूखे प्यास के मारे,
कहां छुपे हों राम हमारे,
रो रो भरत जी राम पुकारे॥

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तुझ बिन अधूरा हूँ मैं,
प्राण गए क्यों तन से छोड़ के,
अवध भी लागे सुना,
जब से गए हो मुख मोड़ के,

अब मैं जियूँगा,
अब मैं जियूँगा किसके सहारे,
कहां छुपे हों राम हमारे,
रो रो भरत जी राम पुकारे॥


Kahan Chupe Ho Ram Hamare

अब तो महल भी लागे,
जैसे कोई शमसान है,
कल थी जहाँ खुशहाली,
आज लगे वीरान है,

क्या कुछ लिखा है,
क्या कुछ लिखा है भाग्य हमारे,
कहां छुपे हों राम हमारे,
रो रो भरत जी राम पुकारे॥


कहाँ छुपे हो राम हमारे,
रो रो भरत जी राम पुकारे,
होंठ है सूखे प्यास के मारे,
कहां छुपे हों राम हमारे,
रो रो भरत जी राम पुकारे॥

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