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कालरात्रि माता की आरती – (Kalratri Mata ki Aarti)

Aarti: (Kalratri Mata ki Aarti Lyrics in Hindi) माँ कालरात्रि की आरती, नवरात्रि के सातवें दिन की विशेषता, उनकी शक्ति और कृपा का वर्णन करती है।

Kalratri Mata ki Aarti

Kalratri Mata ki Aarti

कालरात्रि जय जय महाकाली।
काल के मुंह से बचाने वाली॥

दुष्ट संहारिणी नाम तुम्हारा।
महा चंडी तेरा अवतारा॥

पृथ्वी और आकाश पर सारा।
महाकाली है तेरा पसारा॥

खंडा खप्पर रखने वाली।
दुष्टों का लहू चखने वाली॥

कलकत्ता स्थान तुम्हारा।
सब जगह देखूं तेरा नजारा॥

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kalratri Aarti

सभी देवता सब नर-नारी।
गावें स्तुति सभी तुम्हारी॥

रक्तदंता और अन्नपूर्णा।
कृपा करे तो कोई भी दुःख ना॥

ना कोई चिंता रहे बीमारी।
ना कोई गम ना संकट भारी॥

उस पर कभी कष्ट ना आवें
महाकाली माँ जिसे बचाबे॥

तू भी भक्त प्रेम से कह।
कालरात्रि माँ तेरी जय॥

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