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श्री स्वामी समर्थ तारक मंत्र: भय और चिंता मिटाने का महामंत्र

Swami Samarth Tarak Mantra

shree Swami Samarth Tarak Mantra

“भिऊ नकोस, मी तुझ्या पाठीशी आहे” (डरो मत, मैं तुम्हारे पीछे खड़ा हूँ) – श्री स्वामी समर्थ महाराज का यह अभय वचन आज भी लाखों भक्तों को जीवन जीने की शक्ति देता है।

जब जीवन में सब कुछ अनिश्चित लगे, मन घबराए और कोई रास्ता न दिखे, तो श्री स्वामी समर्थ तारक मंत्र (Swami Samarth Tarak Mantra) का पाठ संजीवनी बूटी का काम करता है। इसे भक्त प्रेम से “निःशंक होई रे मना” के नाम से भी जानते हैं।

आज के इस ब्लॉग में हम आपके लिए इस मंत्र का शुद्ध पाठ और उसका सरल हिंदी अर्थ लेकर आए हैं।


स्वामी समर्थ तारक मंत्र (मूल पाठ)

(Shree Swami Samarth Tarak Mantra Lyrics)

यह मंत्र मूल रूप से मराठी भाषा में है, लेकिन इसका प्रभाव भाषा से परे है। इसे पढ़ते समय हर शब्द को हृदय में उतारने का प्रयास करें।

॥ श्री स्वामी समर्थ तारक मंत्र ॥

निःशंक होई रे मना, निर्भय होई रे मना।
प्रचंड स्वामी बळ पाठीशी, नित्य आहे रे मना॥
अतर्क्य अवधूत हे स्मरण गामी।
अशक्य ही शक्य करतील स्वामी॥

जिथे स्वामी चरण तिथे न्यून काय।
स्वये भक्त प्रारब्ध घडवी ही माय॥
आज्ञेविना काळ ही ना नेई त्याला।
परलोकी ही ना भीती तयाला॥
अशक्य ही शक्य करतील स्वामी॥

उगाची भितोसी भय हे पळू दे।
वसे अंतरी ही स्वामी शक्ति कळू दे॥
जगी जन्म मृत्यू असे खेळ ज्यांचा।
नको घाबरू तू असे बाळ त्यांचा॥
अशक्य ही शक्य करतील स्वामी॥

खरा होई जागा श्रद्धेसहित।
कसा होसी त्याविण तू स्वामीभक्त॥
आठव। कितीदा दिली त्यांनीच साथ।
नको डगमगू स्वामी देतील हाथ॥
अशक्य ही शक्य करतील स्वामी॥

विभूति नमन नाम ध्यानादी तीर्थ।
स्वामीच या पंच-प्राणामृतात॥
हे तीर्थ घेई आठवी रे प्रचिती।
न सोडी कदा स्वामी ज्या घेई हाती॥
अशक्य ही शक्य करतील स्वामी॥

॥ श्री स्वामी समर्थ ॥


तारक मंत्र का हिंदी भावार्थ (Meaning in Hindi)

इस मंत्र का हर शब्द आपको निडर बनाने के लिए है। इसका सरल अर्थ यह है:

  1. विश्वास: हे मेरे मन! तू निःशंक (संदेह रहित) और निर्भय हो जा। तेरे पीछे स्वामी समर्थ का प्रचंड बल सदैव खड़ा है।
  2. चमत्कार: स्वामी जी की लीला अतर्क्य (तर्क से परे) है। वे अपनी कृपा से असंभव को भी संभव कर सकते हैं।
  3. सुरक्षा: जहाँ स्वामी जी के चरण हैं, वहाँ किसी चीज़ की कमी नहीं हो सकती। उनकी आज्ञा के बिना काल (मृत्यु) भी भक्त को छू नहीं सकता।
  4. अभयदान: तू व्यर्थ ही क्यों डरता है? अपने अंदर बसी स्वामी शक्ति को पहचान। जन्म और मृत्यु जिनके हाथ का खेल है, तू तो उन्हीं का बालक है, फिर डर कैसा?
  5. स्मरण: जरा याद कर, उन्होंने तुझे कितनी बार संकट से बचाया है? इसलिए डगमगा मत, स्वामी फिर से अपना हाथ बढ़ाकर तुझे थाम लेंगे।

तारक मंत्र पढ़ने के 3 बड़े लाभ (Benefits)

  • भय से मुक्ति: इसे पढ़ने से मन का अज्ञात भय (Anxiety) और डिप्रेशन तुरंत दूर होता है।
  • आत्मविश्वास: यह मंत्र याद दिलाता है कि आप अकेले नहीं हैं, जिससे आत्मविश्वास बढ़ता है।
  • कठिन समय में सहारा: जब कोई काम नहीं बनता, तब यह मंत्र “अशक्य ही शक्य” (Impossible to Possible) की ऊर्जा देता है।

पाठ करने की सही विधि

यूँ तो स्वामी समर्थ अपने भक्तों के प्रेम के भूखे हैं, लेकिन कुछ नियमों का पालन करने से फल शीघ्र मिलता है:

  • समय: सुबह स्नान के बाद या रात को सोने से पहले इसका पाठ करें।
  • दिन: गुरुवार (Thursday) स्वामी जी का प्रिय दिन है, इस दिन विशेष रूप से पाठ करें।
  • विधि: स्वामी समर्थ की तस्वीर के सामने घी का दिया जलाएं और पूरी श्रद्धा से एक बार इस मंत्र को पढ़ें या सुनें।

निष्कर्ष (Conclusion)

श्री स्वामी समर्थ तारक मंत्र केवल शब्दों का समूह नहीं, बल्कि एक सुरक्षा कवच है। जब भी आप खुद को अकेला महसूस करें, बस आँखें बंद करें और बोलें – “अशक्य ही शक्य करतील स्वामी” (स्वामी जी असंभव को संभव कर देंगे)।

॥ श्री स्वामी समर्थ ॥

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