वैदिक ज्योतिष में देवगुरु बृहस्पति (Jupiter) को “भाग्य का कारक” माना जाता है। अगर कुंडली में गुरु मजबूत हो, तो व्यक्ति को बिना ज्यादा संघर्ष के मान-सम्मान, धन और सुख मिलता है। लेकिन अगर गुरु कमजोर हो, तो शादी में देरी, धन हानि और शिक्षा में बाधाएं आती हैं।

इन सभी समस्याओं का एक ही समाधान है- बृहस्पति बीज मंत्र (Jupiter Beej Mantra) का सही विधि से जाप करना।
आज के इस लेख में हम आपको Brihaspati Beej Mantra Meaning & Benefits (अर्थ और लाभ) और इसकी शुद्ध जाप विधि के बारे में विस्तार से बताएंगे।
बृहस्पति बीज मंत्र क्या है? (What is Jupiter Beej Mantra?)
बीज मंत्र का अर्थ है “बीज रूपी ध्वनि”। जैसे एक छोटे से बीज में विशाल वटवृक्ष छिपा होता है, वैसे ही इस मंत्र के अक्षरों में गुरु ग्रह की विशाल ऊर्जा समाहित है।
शुद्ध तान्त्रिक बृहस्पति बीज मंत्र:
|| ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं सः गुरवे नमः ||
(Om Graam Greem Groum Sah Gurave Namah)
उच्चारण पर विशेष ध्यान दें (Pronunciation Guide):
मंत्र का फल तभी मिलता है जब उच्चारण सही हो:
- ग्रां (Graam): ‘ग्राम’ नहीं, अंत में अनुस्वार (बिंदी) की गूँज होनी चाहिए।
- ग्रीं (Greem): बड़ी ‘ई’ की मात्रा है, इसे थोड़ा खींचकर बोलें।
- ग्रौं (Groum): इसमें ‘औ’ की मात्रा है (जैसे ‘कौआ’ या ‘मौन’ में होती है)। इसे ‘ग्रोम’ न बोलें।
- गुरवे (Gurave): यह ‘गुरुवे’ नहीं, ‘गुरवे’ है।
बृहस्पति बीज मंत्र का अर्थ (Brihaspati Beej Mantra Meaning)
यह मंत्र केवल शब्दों का मेल नहीं, बल्कि ध्वनि विज्ञान (Sound Science) है:
- ॐ: ब्रह्मांड की आदि ध्वनि।
- ग्रां, ग्रीं, ग्रौं: ये तीन बीज अक्षर बृहस्पति ग्रह के सत्व, रजस और तमस तत्वों को संतुलित करते हैं।
- सः: यह शक्ति को आकर्षित करने वाला और विसर्ग युक्त अक्षर है।
- गुरवे नमः: इसका अर्थ है- “मैं समस्त देवताओं के गुरु, बृहस्पति देव को नमन करता हूँ।”
बृहस्पति बीज मंत्र के 5 चमत्कारी लाभ (Benefits)
Brihaspati Beej Mantra Meaning & Benefits को समझना इसलिए जरुरी है ताकि आप सही उद्देश्य के लिए इसका जाप कर सकें:
- विवाह में आ रही बाधाएं दूर: जिन लड़के-लड़कियों की शादी में बेवजह देरी हो रही है, उनके लिए यह मंत्र राम-बाण है। गुरु वैवाहिक सुख का कारक है।
- अपार धन और समृद्धि: बृहस्पति को “विस्तार” (Expansion) का ग्रह कहा जाता है। इस मंत्र से आय (Income) के स्रोत बढ़ते हैं और बिजनेस में तरक्की होती है।
- शिक्षा और एकाग्रता: छात्रों (Students) के लिए यह मंत्र वरदान है। इससे याददाश्त तेज होती है और पढ़ाई में मन लगता है।
- पेट और लिवर के रोग: ज्योतिष में गुरु का संबंध लिवर और पाचन से है। इस मंत्र का जाप स्वास्थ्य लाभ भी देता है।
- समाज में मान-सम्मान: गुरु ग्रह प्रतिष्ठा देता है। इस मंत्र के जाप से समाज में आपका प्रभाव और दबदबा बढ़ता है।
जाप करने की सही विधि (Step-by-Step Chanting Method)
शास्त्रों के अनुसार Jupiter Beej Mantra का पूर्ण लाभ पाने के लिए इन नियमों का पालन करें:
- दिन (Day): जाप की शुरुआत किसी भी शुक्ल पक्ष के गुरुवार (Thursday) से करें।
- समय (Time): सुबह का समय (ब्रह्म मुहूर्त या सूर्योदय के बाद) सबसे उत्तम है।
- दिशा (Direction): उत्तर-पूर्व (Ishaan Kon) की ओर मुख करके बैठें।
- वस्त्र (Clothes): पीले रंग के कपड़े पहनना बहुत शुभ होता है।
- माला (Rosary): हल्दी की माला (Haldi Mala) बृहस्पति के लिए सर्वश्रेष्ठ है। यदि वह न मिले, तो तुलसी या पीले हकीक की माला का प्रयोग करें।
- मंत्र संख्या: प्रतिदिन कम से कम 1 माला (108 बार) जाप करें। पूर्ण सिद्धि के लिए 40 दिनों में 19,000 मंत्रों का जाप करने का विधान है।
छोटी मगर जरुरी बातें (Tips):
- गुरुवार के दिन केले के पेड़ की पूजा करें और जल चढ़ाएं।
- जाप वाले दिन सात्विक भोजन करें (मांस-मदिरा, लहसुन-प्याज से बचें)।
- अपने गुरुओं और बड़ों का सम्मान करें, तभी यह मंत्र काम करेगा।
निष्कर्ष (Conclusion)
Brihaspati Beej Mantra आपके जीवन की दिशा बदल सकता है। चाहे समस्या धन की हो, विवाह की हो या करियर की—बृहस्पति देव की शरण में जाने से सभी मार्ग खुल जाते हैं। पूर्ण श्रद्धा और विश्वास के साथ “ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं सः गुरवे नमः” का जाप आज ही शुरू करें।
(नोट: यह जानकारी वैदिक ज्योतिष की मान्यताओं पर आधारित है। विशेष ग्रह शांति के लिए अपनी कुंडली किसी विद्वान ज्योतिषी को अवश्य दिखाएं।)
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