Ghunghat Khol De Lyrics
Title: घूँघट खोलदे भाया की भावज (Ghunghat Khol De Lyrics in Hindi) हियो बिलखे, घूँघट खोलदे॥
ऐहे… घूँघट खोलदे भाया की भावज,
हियो बिलखे, घूँघट खोलदे,
घूँघट खोलदे भाया की भावज,
हियो बिलखे, घूँघट खोलदे॥
हियो बिलखे, हियो बिलखे,
घूँघट खोलदे,
घूँघट खोलदे भाया की भावज,
हियो बिलखे, घूँघट खोलदे॥
ऐहे… चाँद के चांदणिये गोरी को,
केवटियो घडिजे रे,
चाँद के चांदणिये गोरी को,
केवटियो घडिजे रे॥
दिवले के चांदणे पियो निरखे,
घूँघट खोलदे,
घूँघट खोलदे भाया की भावज,
हियो बिलखे, घूँघट खोलदे॥
यह भी पढ़े: जुलम करयो ऐ
Ghunghat Khol De
ऐहे… चाँद के चांदणिये गोरी को,
मादलियो घडिजे रे,
चाँद के चांदणिये गोरी को,
मादलियो घडिजे रे॥
दिवले के चांदणे पियो निरखे,
घूँघट खोलदे,
घूँघट खोलदे भाया की भावज,
हियो बिलखे, घूँघट खोलदे॥
ऐहे… चाँद के चांदणिये गोरी को,
गलपटियो घडिजे रे,
चाँद के चांदणिये गोरी को,
गलपटियो घडिजे रे॥
दिवले के चांदणे को पियो निरखे,
घूँघट खोलदे,
घूँघट खोलदे भाया की भावज,
हियो बिलखे, घूँघट खोलदे॥
ऐहे… चाँद के चांदणिये गोरी को,
पायलड़ी घडिजे रे,
चाँद के चांदणिये गोरी को,
पायलड़ी घडिजे रे॥
दिवले के चांदणे को पियो निरखे,
घूँघट खोलदे,
घूँघट खोलदे भाया की भावज,
हियो बिलखे, घूँघट खोलदे॥
यह भी पढ़े: गांजो पीज़ा रे सदा शिव
यह भी पढ़े: देवर म्हारो रे यो हरियो रुमाल वालो रे
यह भी पढ़े: घड़वादे मेरा श्याम बाजन की बंगडी
यह भी पढ़े: रुत आई रे पपिया तेरी बोलन की
यह भी पढ़े: लालर ल्यादे रे नणदल रा बीरा
यह भी पढ़े: राजा बलि के दरबार मची रे होली