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जितना दिया सरकार ने मुझको उतनी मेरी औकात नहीं भजन लिरिक्स

श्री कृष्ण गोविन्द हरे मुरारी (Shri Krishna Govind Hare Murari Lyrics)

Shri Krishna Govind Hare Murari Lyrics

Table of Contents

Shri Krishna Govind Hare Murari Lyrics by Jubin Nautiyal Ji.

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Shri Krishna Govind Hare Murari bhajan by Ravindra Jain Ji.

Shri Krishna Govind Hare Murari Lyrics

Shri Krishna Govind Hare Murari Lyrics by Jubin Nautiyal Ji.

देवकी नंदन तुमको वंदन
रखते सबकी लाज
सबके स्वामी अंतर्यामी
पूरन कीजै काज

मन मंदिर में सजे बिहारी
मनमोहन तेरी छवि अति प्यारी

बंसी बजैया रास रचैया
तारणहार मेरे तुम्ही खेवैया

तुमसे बड़ा कहाँ कोन कन्हैया

श्री कृष्ण गोविन्द हरे मुरारी,
हे नाथ नारायण वासुदेवा ॥


लीला अपरंपार तेरी
तू माखनचोर कगावे
भवसागर से सबकी नैया
तू ही पार लगावे

भक्तों का सहारा
तू बांसुरी वाला
मथुरा के बसैया
ओ नंद के लाला

तेरी भक्ति में नाचे सब
ता-ता-थैया

श्री कृष्ण गोविन्द
श्री कृष्ण गोविन्द हरे मुरारी,
हे नाथ नारायण वासुदेवा ॥


Shri Krishna Govind Hare Murari Lyrics by Ravindra Jain Ji.

सच्चिदानंद रूपाय विश्वोत्पत्यादिहेतवे,
तापत्रय विनाशाय श्री कृष्णाय वयं नम: ॥

श्री कृष्ण गोविन्द हरे मुरारी,
हे नाथ नारायण वासुदेवा ॥
हे नाथ नारायण…॥
पितु मात स्वामी, सखा हमारे,
हे नाथ नारायण वासुदेवा ॥
हे नाथ नारायण…॥
॥ श्री कृष्ण गोविन्द हरे मुरारी…॥

बंदी गृह के, तुम अवतारी
कही जन्मे, कही पले मुरारी
किसी के जाये, किसी के कहाये
है अद्भुद, हर बात तिहारी ॥
है अद्भुद, हर बात तिहारी ॥
गोकुल में चमके, मथुरा के तारे
हे नाथ नारायण वासुदेवा ॥

श्री कृष्ण गोविन्द हरे मुरारी,
हे नाथ नारायण वासुदेवा ॥
पितु मात स्वामी, सखा हमारे,
हे नाथ नारायण वासुदेवा ॥


अधर पे बंशी, ह्रदय में राधे
बट गए दोनों में, आधे आधे
हे राधा नागर, हे भक्त वत्सल
सदैव भक्तों के, काम साधे ॥
सदैव भक्तों के, काम साधे ॥
वही गए वही, गए वही गए
जहाँ गए पुकारे
हे नाथ नारायण वासुदेवा॥

श्री कृष्ण गोविन्द हरे मुरारी,
हे नाथ नारायण वासुदेवा ॥
पितु मात स्वामी सखा हमारे,
हे नाथ नारायण वासुदेवा ॥


गीता में उपदेश सुनाया
धर्म युद्ध को धर्म बताया
कर्म तू कर मत रख फल की इच्छा
यह सन्देश तुम्ही से पाया
अमर है गीता के बोल सारे
हे नाथ नारायण वासुदेवा ॥

श्री कृष्णा गोविन्द हरे मुरारी,
हे नाथ नारायण वासुदेवा ॥
पितु मात स्वामी सखा हमारे,
हे नाथ नारायण वासुदेवा ॥


त्वमेव माता च पिता त्वमेव
त्वमेव बंधू सखा त्वमेव
त्वमेव विद्या द्रविणं त्वमेव
त्वमेव सर्वं मम देव देवा
॥ श्री कृष्णा गोविन्द हरे मुरारी…॥

राधे कृष्णा राधे कृष्णा
राधे राधे कृष्णा कृष्णा ॥
राधे कृष्णा राधे कृष्णा
राधे राधे कृष्णा कृष्णा ॥

हरी बोल, हरी बोल,
हरी बोल, हरी बोल ॥

राधे कृष्णा राधे कृष्णा
राधे राधे कृष्णा कृष्णा
राधे कृष्णा राधे कृष्णा
राधे राधे कृष्णा कृष्णा ॥

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