मोर छड़ी लहराई रे लिरिक्स परिचय:
मोर छड़ी लहराई रे लिरिक्स (Mor Chadi Lehrai re Lyrics) एक प्रसिद्ध भजन है जो भगवान कृष्ण की लीला का वर्णन करता है। यह गीत आमतौर पर कृष्ण भक्ति के समय गाया जाता है और भक्तों के बीच अत्यधिक लोकप्रिय है। इसमें मोरपंख के लहराने की चर्चा की जाती है, जो कृष्ण के साथ जुड़ा एक प्रतीक है।
मोरछड़ी लहराई रे (Morchadi lyrics) का अर्थ
मोर छड़ी लहराई रे लिरिक्स का मुख्य भाव भगवान कृष्ण की सुंदरता और उनकी दिव्य लीला को दर्शाता है। यह गीत कृष्ण के प्रेम और उनके रासलीला के माहौल को प्रस्तुत करता है, जहाँ मोरपंख लहराते हैं, और वातावरण में कृष्ण की महिमा का अनुभव होता है।

Mor Chadi Lehrai re Lyrics
मोरछड़ी लहराई रे,
रसिया ओ सांवरा,
तेरी बहुत बड़ी सकलाई रे॥
मोरछड़ी का जादू निराला,
इसको थामे है खाटूवाला,
लीले चढ़कर दौड़ा ये आए,
सारे संकट पल में मिटाए,
रसिया ओ सांवरा,
तेरी बहुत बड़ी सकलाई रे ॥
मोर-छड़ी लहराई रे,
रसिया ओ सांवरा,
तेरी बहुत बड़ी सकलाई रे॥
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‘श्याम बहादुर’ दर्शन को आए,
ताले मंदिर के बंद पाए,
मोरछड़ी से तालो को तोड़ा,
शीश झुका कर बाबा को बोला,
रसिया ओ सांवरा,
तेरी बहुत सकलाई रे॥
मोर-छड़ी लहराई रे,
रसिया ओ सांवरा,
तेरी बहुत बड़ी सकलाई रे॥
मोरछड़ी की महिमा है भारी,
श्याम धणी को लागे ये प्यारी,
‘हर्ष’ कहे रोतो को हसाएँ,
सारे संकट पल में मिटाए,
रसिया ओ सांवरा,
तेरी बहुत बड़ी सकलाई रे॥
मोर-छड़ी लहराई रे,
रसिया ओ सांवरा,
तेरी बहुत बड़ी सकलाई रे॥
मोरछड़ी लहराई रे,
रसिया ओ सांवरा,
तेरी बहुत बड़ी सकलाई रे॥
स्वर – मुकेश बागड़ा॥
॥ जय श्री श्याम ॥
॥ जय श्री कृष्ण ॥
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मोर छड़ी लहराई रे (Morchadi lehrai re) के प्रमुख संस्करण
इस भजन के कई संस्करण हैं, जिनमें अलग-अलग गायकों की आवाज़ें और संगीत का उपयोग किया गया है। इसके प्रसिद्ध गायन में कृष्णभक्तों और भक्तिपंथियों द्वारा प्रस्तुत किए गए संस्करण शामिल हैं। गीत का हर संस्करण भक्ति में एक अलग अनुभव प्रदान करता है।
मोर छड़ी लहराई रे लिरिक्स का महत्व
यह गीत ना केवल भक्ति संगीत का हिस्सा है, बल्कि भारतीय संस्कृति में कृष्ण के प्रति प्रेम और श्रद्धा का प्रतीक भी है। मोर छड़ी लहराई रे लिरिक्स को गाने से वातावरण में आध्यात्मिक ऊर्जा का संचार होता है, और भक्तों को एक विशेष प्रकार का मानसिक शांति का अनुभव होता है।
FAQs
1. मोर छड़ी लहराई रे लिरिक्स का क्या अर्थ है?
यह गीत भगवान कृष्ण की रासलीला और उनके मोरपंख से जुड़ी सुंदरता का वर्णन करता है।
2. इस भजन को कौन गाता है?
इस भजन को विभिन्न कृष्ण भक्त गायकों ने गाया है, जैसे कि बड़े भक्तिपंथी संगीतकार और भजन गायक।
3. मोर छड़ी लहराई रे लिरिक्स के रचनाकार कौन हैं?
इस भजन के रचनाकार है मुकेश जी बागड़ा।
4. इस भजन का धार्मिक महत्व क्या है?
यह भजन कृष्ण के प्रति भक्तों की भक्ति को दर्शाता है और पूजा तथा भजन के समय गाया जाता है।
5. क्या मोर छड़ी लहराई रे लिरिक्स के अलग-अलग संस्करण होते हैं?
हां, इस भजन के कई संस्करण होते हैं, जो विभिन्न गायकों और संगीतकारों द्वारा प्रस्तुत किए जाते हैं।