रक्षाबंधन क्यों मनाते है? इसका इतिहास और महत्व क्या है? आज हम जानेंगे।
प्यार और सुरक्षा का महत्वपूर्ण पर्व
रक्षाबंधन एक प्राचीन भारतीय पर्व है जो हर साल हिन्दू पंचांग के अनुसार श्रावण मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है। यह पर्व भाई-बहन के प्यार और सटीक रूप से समर्पितता का प्रतीक है और भारतीय समाज में गहरी मान्यता रखता है।
इस पर्व का महत्व और इसका इतिहास हमें यह सिखाते हैं कि हमारे परंपरागत मूल्यों और रिश्तों का महत्व क्या है।
रक्षाबंधन का इतिहास
रक्षाबंधन का इतिहास हमें प्राचीन भारतीय कथाओं से जुड़ा हुआ मिलता है। इसके बारे में कई प्रमुख कथाएँ हैं, जिनमें सबसे प्रमुख हैं:
कृष्ण और द्रौपदी: महाभारत के युद्ध काल में, भगवान श्रीकृष्ण ने द्रौपदी के लिए रक्षाबंधन का महत्व दिखाया। जब द्रौपदी अपने आप को दुर्योधन के बदले उसके वस्त्रों से बचाने की कोशिश कर रही थी, वहां पर भगवान कृष्ण ने अनगिनत सारी साड़ियों को बढ़ते हुए दिखाया और द्रौपदी की इस आपातकाल में सहायता की। इसके बाद, कृष्ण ने द्रौपदी को अपनी भाग्यरचना बनाने का वचन दिया, जिससे यह पर्व रक्षाबंधन के रूप में मनाया जाता है।
यमुना और यमराज: एक और प्रमुख कथा के अनुसार, भगवान यमराज अपनी बहन यमुना के लिए उनके हाथ में बंधे हुए रक्षासूत्र को खो देते हैं। यमुना फिर उसे ढूंढ़ने के लिए रथ में बैठती है और वहां पर उनका भाई यमराज आते हैं और उनके लिए सुरक्षा का वचन देते हैं।
रक्षाबंधन का महत्व
रक्षाबंधन का मुख्य उद्देश्य परिवार के सदस्यों के बीच प्यार और सामर्पण का प्रतीक देना है। इसे एक ऐसा मौका माना जाता है जब भाई-बहन एक-दूसरे के साथ अपनी मोहब्बत और समर्पण की भावना को मजबूत करते हैं। यह उनके रिश्ते को और भी गहरा और मजबूत बनाता है।
इसलिए इस दिव्य मौके पर बहने अपने भाइयों के लिए विशेष रूप से तैयार की गई राखी को पहनकर उनका आशीर्वाद लेती हैं। इसके बाद, भाइयों ने अपनी बहनों को उपहार देते हैं और वादा करते हैं कि वे हमेशा उनकी सुरक्षा और समृद्धि का ख्याल रखेंगे। इस पर्व को “रक्षाबंधन की मिठास” कहा जाता है, जिसमें राखी के साथ मिठाई भी खाई जाती है, और परिवार के सदस्यों के बीच खुशियों का आत्मविश्वास बढ़ता है।
न केवल परिवारिक, बल्कि सामाजिक मान्यताओं का प्रतीक है। यह एक दिन है जब लोग अपने रिश्तों को और भी मजबूत बनाते हैं और समाज में भाई-बहन के प्यार का संदेश फैलाते हैं। रक्षाबंधन का महत्व इतना गहरा है कि यह हिन्दू समुदाय के साथ-साथ विभिन्न धर्मों के लोगों द्वारा भी मनाया जाता है, और इसका संदेश प्यार, समर्पण और समाज में एकता की ओर हमें आगाह करता है।
निष्कर्ष
रक्षाबंधन एक महत्वपूर्ण और प्यारा पर्व है जो हमें परिवार के महत्व को याद दिलाता है और हमारे रिश्तों को मजबूती से जोड़ता है। इसके बिना हमारा जीवन अधूरा होता, क्योंकि हमारे परिवार ही हमारी शक्ति का स्रोत होते हैं और वे हमें हमेशा सुरक्षित और प्यार से महसूस करने का मौका देते हैं।
आख़िर में रक्षाबंधन का यह सन्देश है कि हम सभी को अपने परिवार के साथ साझा करने की आदत बनानी चाहिए, और यह हमारे समाज को भी संबंधित और समर्पित बनाता है।
रक्षाबंधन और राखी बांधने का शुभ मुहूर्त
हिंदू पंचांग के अनुसार 30 अगस्त को सुबह 10 बजे से पूर्णिमा तिथि लगने के साथ ही भद्रा लग जाएगी जो रात को 9 बजे तक रहेगी।
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