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Nagendra Haraya Trilochanaya – Shiva Panchakshara Stotram Lyrics

Nagendra Haraya Trilochanaya – Shiva Panchakshara Stotram Lyrics के अर्थ सहित मंत्र पढ़ें। शिवभक्तों के लिए शक्तिशाली स्तोत्र का संपूर्ण

Nagendra Haraya Trilochanaya - Shiva Panchakshara Stotram Lyrics

शिव पंचाक्षर स्तोत्रम् का यह दिव्य श्लोक — Nagendra Haraya Trilochanaya — भगवान शिव की महिमा का अनुपम वर्णन करता है। इस स्तोत्र में पंचाक्षर “न-मः-शि-वा-य” के माध्यम से शिवतत्व की आराधना की जाती है।

यह स्तुति न केवल आध्यात्मिक बल देती है, बल्कि मन, वाणी और कर्म को शुद्ध करने वाली भी मानी जाती है। इस ब्लॉग में हम Shiva Panchakshara के श्लोक, अर्थ और इसके जप के लाभों पर प्रकाश डालेंगे।

Shiva Panchakshara Stotram

नागेन्द्रहाराय त्रिलोचनाय
भस्माङ्गरागाय महेश्वराय ।

नित्याय शुद्धाय दिगम्बराय
तस्मै नकाराय नमः शिवाय

मन्दाकिनीसलिलचन्दनचर्चिताय
नन्दीश्वरप्रमथनाथमहेश्वराय ।

मन्दारपुष्पबहुपुष्पसुपूजिताय
तस्मै मकाराय नमः शिवाय

शिवाय गौरीवदनाब्जबृंदा
सूर्याय दक्षाध्वरनाशकाय ।

श्रीनीलकण्ठाय वृषध्वजाय
तस्मै शिकाराय नमः शिवाय

वशिष्ठकुम्भोद्भवगौतमार्यमूनीन्द्र देवार्चिता शेखराय ।
चन्द्रार्कवैश्वानरलोचनाय
तस्मै वकाराय नमः शिवाय

यज्ञस्वरूपाय जटाधराय
पिनाकहस्ताय सनातनाय ।

दिव्याय देवाय दिगम्बराय
तस्मै यकाराय नमः शिवाय

पञ्चाक्षरमिदं पुण्यं यः पठेच्छिवसंनिधौ ।
शिवलोकमावाप्नोति शिवेन सह मोदते

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कल्याणकारी स्तोत्र

Nagendra Haraya Trilochanaya – Shiva Panchakshara Stotram Lyrics का नियमित जप शिवभक्तों के लिए अत्यंत कल्याणकारी माना गया है। यह न केवल आध्यात्मिक उन्नति का मार्ग प्रशस्त करता है,

बल्कि जीवन में शांति, बल और सकारात्मक ऊर्जा का संचार भी करता है। इस पवित्र स्तोत्र को श्रद्धा और भक्ति से पढ़ें, और शिव की कृपा को अपने जीवन में अनुभव करें।

FAQ’s

Q1: शिव पंचाक्षर स्तोत्र का अर्थ क्या है?

शिव पंचाक्षर स्तोत्र का अर्थ है “न-मः-शि-वा-य” इन पाँच अक्षरों से बना स्तुति गीत, जो भगवान शिव की आराधना करता है। हर श्लोक में इन अक्षरों का क्रमशः समावेश होता है और शिव के अलग-अलग रूपों का महिमामंडन किया गया है। यह स्तोत्र आत्मा की शुद्धि और भक्ति की गहराई को दर्शाता है।

Q2: शिव पंचाक्षर स्तोत्र के लाभ क्या हैं?

इस स्तोत्र के पाठ से मन को शांति मिलती है, नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और आत्मिक बल की प्राप्ति होती है। यह पंचाक्षर मंत्र ‘ॐ नमः शिवाय’ के प्रभाव को बढ़ाता है और शिव की कृपा को प्राप्त करने में सहायक माना जाता है। रोग, भय और मानसिक अशांति से मुक्ति में यह अत्यंत प्रभावशाली है।

Q3: शिव पंचाक्षर स्तोत्र कब पढ़ना चाहिए?

इस स्तोत्र का पाठ प्रत्येक सोमवार, महाशिवरात्रि, या प्रातःकाल के समय करना सबसे शुभ माना जाता है। उपवास के दिन, पूजा के समय या ध्यान के पूर्व इसका जाप करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है। श्रद्धा और एकाग्रता के साथ कभी भी इसका पाठ किया जा सकता है।

Q4: शिव पंचाक्षर स्तोत्र के रचयिता कौन हैं?

शिव पंचाक्षर स्तोत्र की रचना आदि शंकराचार्य ने की थी। वे एक महान संत और अद्वैत वेदांत के प्रवर्तक थे। उन्होंने कई स्तोत्रों और श्लोकों की रचना की, जो आज भी भक्ति मार्ग के प्रमुख स्त्रोत हैं। यह स्तोत्र उनके गहन शिवभक्ति और ज्ञान का प्रत्यक्ष उदाहरण है।

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