ऐसी मान्यता रही है कि देवउठनी एकादशी के दिन
जब
चार
महीने की निद्रा के बाद भगवान विष्णु जगते हैं।
तो तुलसी जी के पौधे से उनका विवाह होता है।
घरों में लगी तुलसी उस दिन दुल्हन की तरह सजती है।
और उत्सव मनाने वालों के सब पाप नष्ट हो जाते।
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